लेखनी कहानी -01-Sep-2022 सौंदर्या का अवतरण का चौथा भाग भाग 5, भाग-6 भाग 7 रक्षा का भारत आना ८भाग २१भ

३७- आज श्रेया जाएगी अस्पताल -

थोड़ी ही देर में सभी लोग गहरी नींद में सो गए। सभी चैन से सो रहे थे। सुबह  का 4:00 बज गया और पक्षियों की चहचहाने की आवाज सुनकर पिताजी की आंख खुल गई। पिताजी के उठते ही माता जी भी उठकर बैठ गयी। पिताजी ने मां से कहा- कि जाओ थोड़ा चाय बना लाओ। मां उठकर किचन में गई और थोड़ी देर में चाय बना कर ले आई। मां जी और पिताजी दोनों ने चाय के साथ आपस में चाय पीते पीते बातें कर रहे थे कि अभी सुबह जब बच्चे उठेंगे तो आज श्रेया श्रवन को लेकर अस्पताल जाएगा। आज शायद श्रेया के टांके कट जाएंगे और ये भी पता लग जाएगा कि श्रेया कितना ठीक हो गई है। उसके बाद हमें  श्रेया की बेटी के नामकरण के लिए एक उत्सव मनाना है। उसकी भी व्ववस्था करनी होगी। आज श्रेया जब अस्पताल से लौटकर आएगी तो पता लगेगा। उसकी क्या स्थिति है, उसके बाद हम उत्सव की डेट डिसाइड करेंगे इतने में सुबह हो चुकी थी‌ सूरज ने अपनी आभा चारों तरफ फैला दी थी। सूरज की आभा बिखरते देख सभी की आंखें खुल गई और सभी जग गए ,जैसे ही सभी अपने कमरे से बाहर आकर हॉल में इकट्ठे हो गए। मां ने रक्षा से चाय बनाने को कहा- श्रेया अपने कमरे में ही थी। रक्षा को देखकर मां फिर से बोली- जाओ रक्षा चाय बना लो। रक्षा रसोई में चाय बनाने चली गई ,थोड़ी देर में रक्षा सभी के लिए ट्रे में चाय लेकर आई। और उसने सभी को चाय दी। मां ने  रक्षा से श्रेया को कमरे में चाय देने के लिए कहा -  रक्षा ने सुनकर कहा- अच्छा जी ।

रक्षा श्रेया को चाय देने उसके कमरे में चली गई और चाय देने गई तो वहां से आई ही नहीं। वह नन्ही परी को खिलाने में लग गई। रक्षा भूल ही गयी थी। कि उस की चाय तो वहीं बाहर हॉल में ही  रखी है। रक्षा को नन्ही परी को दैख  कुछ भी याद नहीं रहा। जब काफी देर हो गई और रक्षा बाहर नहीं आई तो मां ने रक्षा को आवाज लगाई और कहा- कि तेरी चाय ठंडी हो रही है, आकर चाय पी ले। रक्षा ने आवाज दी......आई..... मां। और तुरंत रक्षा  कमरे से बाहर आई चाय पीने लगी। मां ने रक्षा पर थोड़ा गुस्सा किया। और कहा-तुम्हें कुछ याद नहीं रहता  है। रक्षा ने मां को सॉरी बोला और कहा- मैं नन्ही परी को खिलाने लगी थी, इसलिए भूल गई। मां ने कहा- ठीक है, ध्यान रखा करो।

अभी पूरा परिवार  हॉल में बैठा हुआ था तो मां ने सभी के सम्मुख एक विचार रखा। मां ने कहा- मैं सभी के साथ कुछ बात करना चाहती हूं। मां की बात सुनकर सभी बड़े जिज्ञासु हो गए, कि आखिर मां क्या कहना चाहती है। सभी ने एक स्वर में बोला- कि मां बताइए आप क्या कहना चाहती हैं। मां बोली अभी हमारे घर में एक नन्हा मेहमान आया है तो मैं उसी के बारे में सोच रही थी। आखिर में हम लोग उसको बिना नाम के घर तक बुलाते रहेंगे। सभी ने इस बात पर सहमति जताई, और मां से पूछा कि आप बताएं कि आप क्या चाहती हैं। कैसे क्या करना होगा? मां ने श्रवन से श्रेया को बाहर हॉल में लाने को कहा।  मां ने कहा- इस सब में श्रेया की सहमति बहुत जरूरी है।श्रवन ने मां की बात का पालन किया और वह कमरे में अंदर श्रेया को लेने चला गया। कुछ ही देर में श्रवन श्रेया को लेकर बाहर आया तो नन्ही परी भी उसके साथ थी। नन्ही परी को देखते ही फिर सभी में खलबली मच गई उसको खिलाने की।  तो मां ने सभी को डांट कर बैठाया और कहा- कि अभी एक बहुत ही जरूरी बात करने जा रही हूं, ध्यान पूर्वक सभी लोग सुने, कोई शोर नहीं करेगा मां की बात सुनकर सभी शांत हो गए। मां के सामने तो बोलने की पिताजी भी हिम्मत नहीं करते थे। सभी ने कहा- बताइए मां क्या बताना चाहती हैं ? मां ने कहा-

आज श्रेया को अस्पताल डॉक्टर को दिखाने जाना है। हो सकता है, आज श्रेया के टांके कट जाए। आज अगर टांके काट दिए डॉक्टर ने , तो शायद कल नहाने की परमिशन भी मिल जाएगी। यह तो श्रेया के अस्पताल से लौटने के बाद ही पता चलेगा के डॉक्टर ने क्या कहा- अगर श्रेया के पेट के टांके कट गए ,और श्रेया को स्नान करने की परमिशन मिल गई। तब हम पूजा पाठ करने के लिए तैयारी कर सकते हैं। सभी ने मां की बात को ध्यान से सुना और सभी इस पर सहमत थे कि आज अस्पताल से आने के बाद ही निश्चित होगा कि पूजा पाठ कब करना है। तो मां ने श्रवन और श्रेया से कहा- कि जाओ अब तुम नहा धोकर अस्पताल जाने की तैयारी करो। श्रेया को तो नहाना ही नहीं था। श्रवन अपने कमरे में गया और कपड़े उठाकर वह बाथरूम मैं नहाने चला गया, नहा कर जब आया तो उसने श्रेया की स्पंजिंग की, और उसके कपड़े बदलवा कर उसको भी तैयार करवाया उसके बाद श्रवन ने ड्राइवर को फोन किया और बताया कि उसे अस्पताल लेकर जाना है। ठीक है भैया, मैं आता हूं। ड्राइवर ने तुरंत गाड़ी उठाई और वह निकल पड़ा। कुछ ही देर में, ड्राइवर श्रवन के घर पहुंच गया। वहां पहुंचकर ड्राइवर ने गाड़ी को गेट के पास लगाया और अंदर जाकर श्रवण को सूचना दी, कि वह आ चुका है। श्रवन ने कहा- ठीक है हम भी निकलते हैं, उसने श्रेया को बांह पकड़ सहारा देकर उसे गाड़ी तक पहुंचाया। श्रवन ने पहले श्रेया को गाड़ी में बैठाया और खुद भी  गाड़ी में बैठ गया। और ड्राइवर को चलने को कहा- ड्राइवर ने गाड़ी स्टार्ट की और अस्पताल की तरफ मोड़ दी। थोड़ी ही देर में श्रवन और श्रेया अस्पताल के गेट पर थे। ड्राइवर ने उतार कर गाड़ी का दरवाजा खोला। दरवाजा खोलते ही श्रवन गाड़ी से उतरा और उसमें श्रेया को गाड़ी से को सहारा देते हुए  उतारा। वह उसे अस्पताल के अंदर ले गया और ले जाकर डॉक्टर के कमरे के सामने बैठा दिया। उसने नर्स को जाकर बताया कि वह श्रेया को लेकर आ गया है। नर्स ने कहा- कि ठीक है, आप बैठ जाइए मैं डॉक्टर को आपके आने की  सूचना देती हूं। श्रवन श्रेया के पास बैठ गया और नर्स की सूचना का इंतजार करने लगा.......।

कुछ ही देर में डॉक्टर साहब अपने कमरे में बैठ गए थे। नर्स ने डॉक्टर को बताया, कि श्रेया चेकअप के लिए आई है‌ डॉक्टर ने कहा- ठीक है, श्रेया को बुला लो, और नर्स ने श्रेया को पुकारा। श्रेया का नाम सुनते ही श्रवन श्रेया को लेकर डॉक्टर के रूम में गया। डॉक्टर साहब ने श्रेया का चेकअप कर ही रहे थे। कि बीच में ही श्रवन ने डॉक्टर साहब से पूछ लिया। कि क्या श्रेया के टांके आज काट दिए जाएंगे। डॉक्टर ने कहा- कि हां आज मैं श्रेया के टांके काट देता हूं। डॉक्टर साहब ने नर्स को बुलाकर टांके काटने की व्यवस्था करने को कहा। नर्स ने सभी सामान तुरंत डॉक्टर साहब को दिया डॉक्टर साहब ने श्रेया के टांके काटने के बाद श्रवन और श्रेया दोनों को कुछ बातें समझाई। डॉक्टर साहब ने बताया कि।  श्रेया बिल्कुल ठीक है, आज छोड़कर कल श्रेया नहा धो सकती है। टांके के छोटे छोटे से छेद है,वह भी कल तक भर जाएंगे। फिर इसके नहाने में में कोई डर नहीं है। अभी श्रेया के शरीर में कमजोरी बहुत है, उसके लिए तुम्हें इसके खाने पीने का ध्यान रखना होगा। क्योंकि यह बच्चे को दूध भी पिलाएगी तो और भी कमजोरी महसूस होगी। इसलिए इसके खाने पीने का विशेष ध्यान रखना है बाकी सब ठीक है अब श्रेया को कोई परेशानी नहीं है। अब तुम खुशी से श्रेया को घर लेकर जाओ और मंगलमय जीवन व्यतीत करो। डॉक्टर साहब के ऐसे शब्द सुनकर श्रवन उनके पैर छूने को मजबूर हो गया। आज श्रेया मेरे पास है तो वह सिर्फ आपकी वजह से। मैं तो आपका जितना भी गुणगान करूं, मेरे लिए कम ही होगा। आप तो मेरे लिए भगवान के समान है, कहते कहते........

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10 Comments

Mithi . S

24-Sep-2022 11:17 AM

Nice post

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Pallavi

22-Sep-2022 09:24 PM

Beautiful story

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Abeer

21-Sep-2022 07:50 PM

Nice

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